Kedarnath Dham Kapat Open: केदारनाथ धाम के कपाट खुले; बैंड-बाजे के साथ मंत्रोच्चारण-शिव तांडव पाठ, दर्शन कीजिए

केदारनाथ धाम के कपाट खुले; बैंड-बाजे के साथ मंत्रोच्चारण-शिव तांडव पाठ, हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा, यहां देखिए मनमोहक नजारा, दर्शन कीजिए

Kedarnath Dham Kapat Open 2025

Kedarnath Dham Kapat Open 2025 First Darshan Here Live Video

Kedarnath Dham Kapat Open: जिस घड़ी का सबको इंतजार था, वो अब आ चुकी है। उत्तराखंड में आज शुक्रवार (2 मई) को केदारनाथ धाम के कपाट खोल दिए गए हैं। शुभ मुहूर्त को देखते हुए सुबह सात बजे पूर्ण विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ बाबा केदारनाथ के कपाट खोले गए. शिव तांडव स्तोत्र, शिवाष्टक, रुद्राष्टक और केदाराष्टक स्तोत्र का पाठ किया गया। इस दौरान बैंड-बाजे भी बजे। सेना के जवानों ने बाबा केदारनाथ के दर पर गाजे-बाजे की गूंज बिखेरी।

वहीं साथ ही डम-डम डमरू और शंखनाद की ध्वनि से एक अलग अलौकिक माहौल बना हुआ था। हर-हर महादेव और जय बाबा केदार के जयकारों से पूरा धाम गूंज उठा। इस अवसर पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई। जिसका मनमोहक दृश्य देखते ही बन रहा था। केदारनाथ मंदिर पर क्विंटलों फूलों से शानदार सजावट की गई है। करीब 13 क्विंटल फूलों से मंदिर को सजाया गया है। धाम का पूरा नजारा बेहद अद्भुत और मनमोहक बना हुआ है। केदारनाथ धाम खुलने पर आप भी यहां दर्शन कर सकते हैं...

Kedarnath Dham Kapat Open 2025

कपाट खुलने के दौरान CM धामी मौजूद रहे

केदारनाथ के कपाट खुलने के दौरान स्थानीय पंडितों और पुरोहितों के अलावा उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी अपनी पत्नी के साथ बाबा के दर पर मौजूद रहे। सीएम धामी ने पूजा-अर्चना की। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिव भक्त और तीर्थयात्री हर साल इस यात्रा का इंतजार करते रहते हैं। आज वह पवित्र दिन आया और द्वार खुल गए। जिसके बाद यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। सारी व्यवस्थाएं कर ली गई हैं। मैं सभी को अपना अभिनंदन देता हूं और उन सभी का स्वागत करता हूं। सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि यात्रा के दौरान स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

पहले ही दिन दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़

केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले दिन ही भारी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए पहुंचे हुए हैं। भीड़ मैनेज करने के लिए टोकन सिस्टम से दर्शन करवाए जा रहे हैं। बता दें कि, कपाट खुलने से पहले ही हजारों श्रद्धालु बाबा केदारनाथ की चौखट पर अपने डेरा डाल चुके थे। देश-विदेश के अलग-अलग कोनों से आए सभी श्रद्धालुओं को बड़ी व्याकुलता के साथ बस यही इंतजार था की कब केदारनाथ के कपाट खुलें और उन्हें जल्दी से दर्शन हों। बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं में बहुत ज्यादा उत्साह देखा जा रहा है।

Kedarnath Dham Kapat Open 2025

दिवाली तक केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे लोग

अब दिवाली तक केदारनाथ के दर्शन के लिए कपाट खुले रहेंगे। ऐसे में शिव भक्त अगले 6 महीने तक दर्शन कर सकते हैं। वहीं जून से अगस्त के बीच मौसम ठीक रहा तो इस बार 25 लाख से ज्यादा लोगों के केदारनाथ धाम पहुंचने का अनुमान है। आपको बता दें कि, केदारनाथ धाम के साथ-साथ गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट भी खुल चुके हैं। 30 अप्रैल (अक्षय तृतीया) से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई की सुबह 6.00 बजे खोले जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले साल बद्रीनाथ धाम के कपाट 17 नवंबर को रात 9:07 बजे बंद कर दिए गए थे।

गौरीकुंड से जब बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली केदारनाथ धाम पहुंची

केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण जरूरी

अगर आप केदारनाथ सहित चार धाम यात्रा पर जाना चाहते हैं तो आपको इसके लिए अपना पंजीकरण कराना जरूरी है. आप संबन्धित आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर अपने आप को पंजीकृत कर सकते हैं। बता दें कि, चार धाम की यात्रा के दौरान आपको हेलीकॉप्टर की सुविधा भी मिलती है। इसके लिए पहले से ही बुकिंग करानी पड़ती है। वहीं चार धाम यात्रा के दौरान मौसम विभाग की बारिश की चेतावनी के मद्देनज़र भी कई एहतियात बरतने होते हैं। कई बार यात्रा रोक भी दी जाती है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के पहले दिन तक ही हजारों श्रद्धालु पंजीकृत हो चुके हैं।

भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम

भगवान शिव के केदारनाथ धाम की महिमा अद्भुत और अलौकिक है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम है। यहां भगवान भोलेनाथ 5वें ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने पांडवों को बैल के रूप में दर्शन दिए थे। केदारनाथ मंदिर का निर्माण पांडव राजा जनमेजय ने करवाया था। वहीं 8वीं और 9वीं सदी में जगतगुरु आदि शंकराचार्य ने इस भव्य मंदिर का जिर्णोद्धार निर्माण कराया था। साल 2013 में बादल फटने की वजह से आई भयानक जल प्रलय से भी केदारनाथ मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंच सका था।